दोस्तों,
इस संसार में सभी लोगों का एक दूजे से नाता होता है। कभी कभी ये हमें दिखाई देता है परन्तु अक्सर हं सिर्फ़ इसे महसूस ही कर पते है।
जीवन में कई घटनाये ऐसी हो जाती है की हम चाह कर भी विश्वास नही कर पाते की ये क्यों हुईं । जैसे पाकिस्तानी हमारे पूर्व सम्बन्धी हैं।
परन्तु आज कल हमउन पे विश्वास नही दिखा प् रहे हैं। इसी प्रकार हमारा एक दूजे से साथ बनता है।
इस लिए हे दोस्तों हम आओ मिल के एक नई शुरुआत करें, एक बार फ़िर से दुनिया को दिखा दे की एकता में कितनी ताकत होती है। ये सब पर
हमारी और आपकी मिली जुली प्रकिरिया द्वारा ही सम्भव है। आशा है की आप सब मेरी बातों पर गौर करेंगे।
आपका आपना,
संदीप कुमार कर्ण (पंकज)
SANDEEP KUMAR (PANKAJ) FROM LUDHIANA.
Friday, February 27, 2009
Friday, February 20, 2009
आज का विचार
दोस्तों आज का विचार आपके सामने प्रस्तुत है।
हम आपने आपको कितना भी समझदार समझते हैं पर दरअसल ये हमारी बड़ी भूल होती है। कोई भी व्यक्ति पुरी तरह समझदार नही होता है।
ये बात तब तक समझ नही आ पातीजब तक कोई नुकसान न हो जाए। परन्तु जब तक ये पता चलता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। इस लिए दोस्तों हमेशा आपने आप को छोटा ही समझो नही तो नुकसान निश्चित है , अब समय आ गया है की आपनी सही हस्ती पहचाने।
आपका अपना,
संदीप कुमार (पंकज)
हम आपने आपको कितना भी समझदार समझते हैं पर दरअसल ये हमारी बड़ी भूल होती है। कोई भी व्यक्ति पुरी तरह समझदार नही होता है।
ये बात तब तक समझ नही आ पातीजब तक कोई नुकसान न हो जाए। परन्तु जब तक ये पता चलता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। इस लिए दोस्तों हमेशा आपने आप को छोटा ही समझो नही तो नुकसान निश्चित है , अब समय आ गया है की आपनी सही हस्ती पहचाने।
आपका अपना,
संदीप कुमार (पंकज)
Thursday, February 19, 2009
दिल चीज क्या है
दिल एक दर्द भरा समुन्द्र है। इसमे कई राज छुपे हैं। ये बहुत सी बातें अपने में समेटरखता है।
एक दिन की बात है मैं घर जा रहा था , एक लड़की कहती की मुझे घंटा घर छोड़ दे। मैं उसे लेके चल पड़ा।
रस्ते में हमारी कोई खास बात नही हुई। बस एक ही चीज पता चला की वह मुझसे प्यार करती है।
बाकी बाद में।
आपका अपना,
संदीप कुमार कर्ण (पंकज)
एक दिन की बात है मैं घर जा रहा था , एक लड़की कहती की मुझे घंटा घर छोड़ दे। मैं उसे लेके चल पड़ा।
रस्ते में हमारी कोई खास बात नही हुई। बस एक ही चीज पता चला की वह मुझसे प्यार करती है।
बाकी बाद में।
आपका अपना,
संदीप कुमार कर्ण (पंकज)
Wednesday, February 18, 2009
दिन और रात
हमारे दिन और रात एक सामान नही होते हैं। दोनों में बड़ा फर्क है, दिन को हम जितने कम कर सकते हैं वो रात में नही सम्भव।
दिन को सूर्य की रौशनी हमें इंधन देती है और जिस के कारण हम बढ़ते हैं। रात को चाँद की रौशनी हमें रहत पहुंचती है।
आपका अपना '
संदीप कुमार कर्ण (पंकज)
दिन को सूर्य की रौशनी हमें इंधन देती है और जिस के कारण हम बढ़ते हैं। रात को चाँद की रौशनी हमें रहत पहुंचती है।
आपका अपना '
संदीप कुमार कर्ण (पंकज)
Tuesday, February 17, 2009
Happy Day
aaj kal din bade achhe hain. koi tension nahi. mausam bhi bada khushgavar hai.
aap logo ka kya hal hai. thandi khatm hone ko hai.
aap sab ka apna
Pankaj Karn
aap logo ka kya hal hai. thandi khatm hone ko hai.
aap sab ka apna
Pankaj Karn
Monday, February 16, 2009
Hello
Dear Firends,
Aap Sab ka swagat hai. main apne naye blog ke jariye aapko kuchh jankariyan deta rahunga.
Aapka apna,
Sandeep Kumar Karn (Pankaj)
Ludhiana
Aap Sab ka swagat hai. main apne naye blog ke jariye aapko kuchh jankariyan deta rahunga.
Aapka apna,
Sandeep Kumar Karn (Pankaj)
Ludhiana
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