हमारे दिन और रात एक सामान नही होते हैं। दोनों में बड़ा फर्क है, दिन को हम जितने कम कर सकते हैं वो रात में नही सम्भव।
दिन को सूर्य की रौशनी हमें इंधन देती है और जिस के कारण हम बढ़ते हैं। रात को चाँद की रौशनी हमें रहत पहुंचती है।
आपका अपना '
संदीप कुमार कर्ण (पंकज)
SANDEEP KUMAR (PANKAJ) FROM LUDHIANA.
Wednesday, February 18, 2009
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