"गीत"
१.कितना आसान हैं, दिल का लगाना।बिना बात मुश्किल बड़ा मुस्काना।
लबों की शिकायत बढीं जा रहीं हो।
धड़कन से भी काहे नज़रें चुराना।
बिना......
२.आवाज दिया किसने प्यार को।
हम मिटे नहीं दीदार-ए-यार को।
अधर से मिलाकर अधर खिले हैं।
आदत नहीं लगाना गले हार को।
बहुत खूब आता हैं, ये दामन छुड़ाना।
बिना.........
३.काँटों में बीता हुआ मेरा जीवन।
पत्थर की राहों सा चुभता मेरा मन।
धुल को धुल समझ भूला दूं।
अगर सुलझे उत्तर खिले मेरा तन मन।
आपका अंदाज़ ऐसा की पलकें झूकाना।
बिना......
४.बड़ा हैरान हुआ देख "पंकज"।
कैसे हुआ ये सोचे देख "पंकज"।
तनिक बात पे कुछ बिगड़ने ना पाए।
कितना घर ख्याल देखें है "पंकज"।
दिलों को दिलों के है नजदीक लाना।
बिना बात.......
संदीप कुमार (पंकज)
लुधिआना।
बहुत अच्छी कोशिश है!
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क्यों हम सब पूजा करते हैं, सरस्वती माता की?
संयुक्ताक्षर "श्रृ" सही है या "शृ"
लगी झूमने खेतों में, कोहरे में भोर हुई!
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संपादक : सरस पायस