"आपका साथ"
कितना खुश हूँ पा कर साथ।
थाम कर रख लिया आपका हाथ।
दिल की धड़कन अब गा रही।
मीठे सुर में नगमें सुना रही।
जतन के बाद खुश खुशहाल।
मिला ली हैं दिल के साथ ताल।
फूल से बिखरे हुए हैं जीवन में।
आपका मुस्काना उमंग भरे तन मन में।
प्यार आपके ने कितना खुश कर दिया।
सुने जीवन को प्यारी खुशियों से भर दिया.
बाग़ में ज्यूँ खिले गेंदे के बीच गुलाब।
यूँ लगे आप हमें हर वक़्त लाजवाब।
अनायास ही आपसे बातें होने लगीं।
धड़का जिया और नींदें खोने लगीं।
महकता हुआ सा आप खुश्महल हो।
बीच नदिया खिले आप वो कमल हो।
"पंकज" का दिल मजबूर प्यार हाथों।
आओ मिल के निभाएं वचन सातों।
* संदीप कुमार (पंकज)
*लुधियाना (पंजाब)
+91-98141-59141 and +91-95697-11306
SANDEEP KUMAR (PANKAJ) FROM LUDHIANA.
Wednesday, February 10, 2010
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