(भगत सिंह की याद)
घोर विपत्ति में उठा हथियार,
चला भगत करने संहार.
बाजुओं के जोर शोर से,
आजादी की जंग है चोर से.
चुरा लिया जिसने भारत का चैन,
सान्द्रस के घर कर दिए वैन.
अंतिम साँस तक वन्दे मातरम,
लड़ा वीर कह वन्दे मातरम.
इन्कलाब का दे कर नारा,
हिंद जगाया उसने सारा.
"पंकज" सलाम करे तुझे भगत,
आज तुझ पर नाज़ करे जगत.
* संदीप कुमार (पंकज)
लुधियाना (पंजाब)
so nice ..............
ReplyDeletewww.expriment80.blogspot.com
Dhanywad aap sab ka...
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