छंद
छंद की रचना, छंद है रसना,
छंद लिखे विद्वान् है.
रसिक छंद से मन हर्षाये.
बिहारी भी रसखान है.
छंद से अर्पित, छंद समर्पित.
तुलसी बने महान है.
छंद मनमोहक, छंद है बोधक.
छंद सूर का विधान है.
अधिक छंद से काव्य बने.
अंत बने ग्रन्थ समान है.
छंद में विचरित "पंकज".
कीच से सना इन्सान है.
*संदीप कुमार (पंकज)
लुधियाना
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